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कविता

हज़ारासिंग का गिटार

नरेंद्र जैन


(70 के दशक के प्रख्यात गिटारवादक हज़ारासिंग के सम्मान में यह कविता)

मेरी गली में
रहने वाला
बिजली मैकेनिक
हज़ारासिंग की बजाई
गिटार की धुन में डूब गया है
वह कहता है
हज़ारासिंग मेरा प्रिय वादक है
कल बिजली की
भारी मशीनों पर झुका
वह जरूर इसी धुन को गुनगुनाएगा
मैं खु़श होता हूँ
और मैकेनिक की सिगरेट से
अपनी सिगरेट सुलगाकर
हज़ारासिंग के गिटार में
डूबने की कोशिश करता हूँ


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